माँ ने बेटी को डॉक्टर बनाने की ठानी जौनपुर की सड़कों पर चला रही ई-रिक्शा,

    (एल एन सिंह) उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की माँ ने यह ठान लिया है कि उसकी बेटी पढ़ लिख कर डॉक्टर बनेगी। एक माँ ने अपनी बेटी को डाक्टर बनाने के लिए नगर की सड़कों पर ई रिक्शा चलाने का काम कर रही है, यह काम करना अपने आप मे एक चुनौती है। समाज के लोकलाज से कोसो दूर पूरे मजबूत दृढ़ इरादों के साथ अपनी बेटी के सपनो को पंख लगाने के लिए महिला हाड़तोड़ मेहनत कर रही है। उसकी मेहनत देखकर हट्टे कट्टे नवजवान भी एक माँ की तारीफ करते नही थक रहे। महिला को ई रिक्शा चलाने के लिए उसके पति से मिले धोखे ने मजबूर कर दिया है, बताते चलें कि बेटी पैदा होने के कुछ दिन बाद ही उसके पति ने माँ-बेटी दिनों को छोड़ दिया।जानकारी के अनुसार जौनपुर में नगर की सड़कों पर ई रिक्शा चलाने वाली महिला का नाम गायत्री है, अयोध्या की रहने वाली गायत्री का जन्म मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था। भोपाल से ही गायत्री पढ़ाई कर ग्रेजुएट हुई है। गायत्री की भी शादी बड़े ही धूम धाम से हुई थी लेकिन बेटी पैदा होने के कुछ दिन बाद पति ने गायत्री को छोड़ दिया. बेटी को पढ़ाने के लिए गायत्री ने मॉल से लेकर कई एजेंसियों में काम किया, गायत्री बताती है कि उन जगहों पर शोषण ज्यादा होता था और पैसे महज 7 हजार मिलते थे इस लिए गायत्री ने वो काम छोड़ दिया। गायत्री ने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए अपनी बहन के घर जौनपुर के नगर वाजिदपुर दक्षिणी मोहल्ले में भेजा था। बहन और जीजा ने गायत्री को सलाह दिया कि क्यों न तुम ड्राइविंग सीखो और ई रिक्शा चला कर पैसे कमाओ।
गायत्री ने बहन और जीजा की मदद से न सिर्फ ई रिक्शा चलाना सीखा बल्कि 300 रुपए प्रतिदिन के किराए पर ई रिक्शा लेकर आज सड़को पर फर्राटे से सवारी ढोती नजर आ रही है। अभी गायत्री के लिए ये शहर नया है ,यहां की गलियां नई है इस लिए गायत्री की बहन भी प्रतिदिन गायत्री के साथ ई रिक्शे पर जाती है जिससे उसे रास्ता बता सके। गायत्री की माने तो कई बार महिला को रिक्शा चलाता देख लोग पलट पलट कर देखते भी है,सवारी जल्दी बैठना नही चाहती ऐसी दिक्कतें अभी आ रही है लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे तो अपना काम करना है और अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना है। गायत्री की बेटी श्रेया कक्षा 11 की स्टूडेंट है।
श्रेया का सपना डॉक्टर बनना है और बेटी को उच्च और बेहतर शिक्षा देने के लिए गायत्री दिन रात मेहनत कर रही है । श्रेया बताती है कि माँ अपने जीवन में काफी स्ट्रगल कर रही है मुझे मां के इस सपने को  साकार करना है। ज़माने के लोग कहते है कि अगर एक माँ अपने बच्चे के लिए कुछ ठान लेती है तो उसे हर हाल में पूरा करती है। गायत्री ने भी अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना देखा है और उसके लिए वो कड़ी मेहनत भी कर रही है।

Popular posts from this blog

राजनैतिक सियासी रण में संग्राम, बाबाओं के मध्य वर्चस्व की जंग, पंडोखर सरकार ने बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्यों दी चुनौती ?

बलिया में पूर्व प्रधान की गोली मारकर निर्मम हत्या

धर्म परिवर्तन के आरोप में फरार चल रहे आरोपियों की तलाश में पुलिस नेें ताबड़तोड़ दबिश दी,