वीर भूमि बुंदेलखंड, भगवान श्री राम राजा सरकार की 250 वर्षों से मराठा शासक के रूप में की जाती पूजा: मराठा कालीन श्री राम मंदिर दमोह में विदेशी सैलानी दरबार में लगाते रहे दरखास

     (एल एन सिंह) बुंदेलखंड की धरती वीरता और क्रांतिकारी के रूप में विश्व में पहचानी जाती हैं l विदेशी सैलानी आज भी बुंदेलखंड में आ कर श्री राम के दरबार में मत्था टेक कर अर्जी लगाते हैं l दमोह जिले में मराठा शासनकाल रहा है l मराठा कालीन श्री राम मंदिर में ढाई सौ सालों से श्री राम को मराठा शासक मानकर पूजा जाता है l जो दमोह के राजा राम कहलाते हैं l दमोह का यह मंदिर पेवाकालीन है l यह 17 वी सदी के अंत में बाजीराव पेशवा के समय बनाया था l आज भी इस मंदिर में लगातार 9 दिन तक श्रीराम की झांकियां बनाई जाती हैं l शुरूवात मराठा की तरह गुड़ी बांधकर की जाती है l पहले दिन से श्री राम को मराठा पगड़ी, जो पेशवा अंदाज की होती है l वह बांधी जाती है l साथी जी राम की सवारी घोड़े पर बैठाकर निकाली जाती है l ऐसी ही सभारी दूसरे दिन हाथी पर, तीसरे दिन श्री राम भगवान को शाही सवारी के रूप में दिखाया जाता है l इतना ही नहीं पिछले 5 दिन तक की झांकियों में कभी श्री कृष्ण, कभी शिव शंकर और कभी शिव सैया पर  भगवान विष्णु विष्णु के रूप में झांकी सजाई जाती है l भगवान श्रीराम कि यहां दिव्य आरतियां होती रहती हैं l
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को हार्दिक नमन l

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